आरम्भ है प्रचंड,बोले मस्तको के झुण्ड, आज जंग की घडी की तुम गुहार दो, आन बाण शान या की जान का हो दान, आज एक धनुष के बार्न पे उतार दो.. आरम्भ है प्रचंड source
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